Vaccination

हमारे यहां सभी प्रकार के टीके सस्ती दरों पर लगाए जाते है।

अति आवश्यक सुचना

लड़कियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए HPV का टीका अवश्य लगवायें।

  • 9 से 14 वर्ष के लिए = 1st डोज और 2nd डोज 6 माह के अंतर में
  • 14 से 45 वर्ष के लिए = 3 डोज
  • 0 डोज, 1 माह और 6 माह

टायफाइड का टीका

यह टीका बच्चों के लिए अति आवश्यक है। इसकी एक खुराक से बच्चों को टाइफाइड की बिमारी से बचाया जा सकता है। इस टीके को 6 माह से ऊपर के सभी बच्चों के यह टीका लगवाना चाहिए।

टायफाइड के एक टीके से बच्चों को जीवन भर टायफाइड की बीमारी से बचाया जा सकता है। इस टीके को 6 माह के ऊपर के सभी बच्चों को लगाना चाहिए।

टायफाइड के एक टीके से बच्चों को जीवन भर टायफाइड की बीमारी से बचाया जा सकता है। इस टीके को 6 माह के ऊपर के सभी बच्चों को लगाना चाहिए।

टायफाइड (Typhoid) एक बाक्टीरियल संक्रमण है जो सूखी और पीने के पानी के माध्यम से फैलता है। यह बीमारी समान्यतः संक्रमित पानी और खाद्य से होती है जो स्वच्छता के मामले में अनुपालन न करने के कारण हो सकता है।

टायफाइड के लक्षणों में बुखार, पेट में दर्द, पेट फूलना, उल्टी, उच्च बुखार, थकान, और खांसी शामिल हो सकते हैं। इन लक्षणों के साथ-साथ, मरीज की त्वचा पर लाल दाने भी दिख सकते हैं।

DTaP, MMR 3rd, IPV-B2

पांच साल तथा इससे ऊपर के सभी बच्चों को DTaP और MMR 3rd व IPV-B2 का टीका अवश्य लगवाए।

  1. डीटीएपी (DTaP): डीटीएपी वैक्सीन बच्चों को डिफ्थेरिया (डिफ्थेरिया), टेटेनस (टेटेनस), और एसेल्युलर पर्टसिस (कोकठिका) के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है।
  2. एमएमआर 3rd (MMR): एमएमआर वैक्सीन खसरा (खसरा), अंगूठी से मसूड़ा (अंगूठी से मसूड़ा), और रुबेला (रुबेला) के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है।

  3. आईपीवी-बी2 (IPV-B2): आईपीवी वैक्सीन पोलियो (पोलियो) के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है। यह दूसरा बूस्टर डोज़ है जो बच्चों को पोलियो वायरस से बचाने में मदद करता है।

चिकनफॉक्स का टीका

15 महीने से ऊपर बच्चों को चिकनफोक्स का टीका अवश्य लगाना चाहिए इसकी दो खुराक होती है

पहली खुराक 15 महीने पर तथा दूसरी खुराक 18 महीने पर लगाना चाहिए, दोनों खुराकों में 3 महीने का अंतर होना चाहिए।

चिकनपॉक्स के लक्षण में बुखार, खांसी, सिरदर्द, थकान, और चक्कर आना शामिल हो सकते हैं। इसके साथ ही, रोगी के शरीर पर लाल रंग के छोटे दाने उत्पन्न होते हैं, जो बाद में खारिश और चिकनी छाले में परिणत होते हैं। यह दाने सामान्यतः शरीर के विभिन्न हिस्सों पर फैल जाते हैं।

चिकनपॉक्स के इलाज में आमतौर पर आराम, अंगूठी से खुजली कम करने के लिए लोशन या क्रीम, और अगर आवश्यक हो तो दवाओं का सेवन शामिल होता है।

पीलिया

पीलिया के एक टीके से बच्चों को हेपेटाइटीस – ए नाम की बीमारी से जीवन भर के लिए बचाव होता है।

6 महीने से ऊपर के बच्चों को मियादी का टीका अवश्य लगवाएं। इस एक टीके से बच्चे को जीवन भर के लिए टायफाइड की बिमारी से बचाया जा सकता है।

पीलिया के लक्षणों में त्वचा और आँखों की पीलापन, पेट की जलन, उलटी, पेट में दर्द, और थकान शामिल हो सकते हैं। यह लक्षण आमतौर पर बिलीरुबिन के स्तर बढ़ने के बाद दिखाई देते हैं।

पीलिया का इलाज कारण और लक्षणों के आधार पर किया जाता है। यदि पीलिया वायरल हो, तो इलाज का मुख्य उद्देश्य संक्रमण को नियंत्रित करना होता है, जबकि अन्य कारणों से होने पर उपचार कारण को ठीक करने पर ध्यान केंद्रित होता है। उपचार में अधिकतम प्रमुख उद्देश्य बिलीरुबिन के स्तर को कम करना होता है और लक्षणों को नियंत्रित करना होता है।

पीलिया से बचाव के लिए, उपयुक्त हाइजीन, स्वच्छ और स्वस्थ आहार, साफ पानी पीना, अल्कोहल का संयम, और समय पर चिकित्सा सहायता लेना महत्वपूर्ण होता है। यदि किसी को पीलिया के लक्षण दिखाई दें, तो उन्हें तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

Vaccinations

S NoVaccine
1SYNFLORIX
2ROTASHILD
3PENTAVEC
4HEXAPAINLESS
5PERVENAR(PCV13)
6INFLUVAC(VAXIFLU)
7TRICIVAC
8TYBARTCV
9BIOVAC-A
10ZUVICELLA
11QUADROVEX
12BOOSTRIX
13BE-TD
14HPV
15TYPBAR
16INFARIX(HEXA)
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