सुविधाएं

यह सभी सुविधा केवल हमारे डॉक्टर के लिखने पर ही की जाती है

OPD (आउटपेटिएंट डिपार्टमेंट) एक विशेष इकाई है जो रोगी के अस्पताल में चिकित्सा सेवाओं की प्रारंभिक देखभाल प्रदान करती है। यह इकाई बाहरी रूप से आए रोगियों को उपचार प्रदान करती है जो ना तो अस्पताल में भर्ती किए जाने की आवश्यकता होती है और ना ही उनके लिए आवश्यक है कि वे अस्पताल में रहें।

OPD में प्रदान की जाने वाली सेवाएं:

सामान्य चिकित्सा: OPD में सामान्य चिकित्सा जैसी सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जिसमें रोगी का जांच करना, रोग के लिए उपचार प्राप्त करना और डॉक्टर के सुझावों का पालन करना शामिल होता है।
अनुसंधान और परामर्श: OPD में विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा रोगी का अध्ययन किया जाता है और उन्हें उपयुक्त परामर्श और उपाय दिया जाता है।
आवश्यक लैब टेस्ट और डायग्नोस्टिक सेवाएं: OPD में आवश्यकतानुसार रोगी को लैब टेस्ट और अन्य डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदान की जाती हैं जैसे कि रक्त परीक्षण, यूरीन टेस्ट, X-रे, यूल्ट्रासाउंड, आदि।
फॉलो-अप और स्थिति की निगरानी: OPD विजिट के माध्यम से डॉक्टर रोगी के स्वास्थ्य की स्थिति का निगरानी करते हैं और जरूरत अनुसार उसे अगले ट्रीटमेंट के लिए बुलाते हैं।

OPD (आउटपेटिएंट डिपार्टमेंट)

डिजिटल एक्स-रे

डिजिटल एक्स-रे एक प्रौद्योगिकी है जो छवियों को एक डिजिटल रूप में कैप्चर करती है, जिससे उन्हें आसानी से संग्रहीत, साझा, और प्रसारित किया जा सकता है। इसका उपयोग छवियों की विस्तृत विश्लेषण करने, रोगों और चोटों का निदान करने, और चिकित्सा उपाय का निर्धारण करने के लिए किया जाता है।

डिजिटल एक्स-रे के लाभ:

त्वरित और सहज: डिजिटल एक्स-रे की प्रौद्योगिकी से छवियां त्वरितता से बनाई जा सकती हैं और डिजिटल रूप में संग्रहीत की जा सकती हैं, जिससे डॉक्टर्स को त्वरित निदान करने में मदद मिलती है।
कम विकल्प और पर्यावरण हितैषी: डिजिटल एक्स-रे में फिल्म का उपयोग नहीं होता है, जिससे छवियों के लिए कागजात की आवश्यकता नहीं होती है, और प्रणाली पर्यावरण हितैषी होती है।
छवियों का सहेजा जा सकता है: डिजिटल एक्स-रे छवियों को कंप्यूटर में सहेजा जा सकता है, जिससे उन्हें आसानी से संग्रहीत किया जा सकता है और उनका रिकवरी करना मुश्किलात से होता है।
उत्कृष्ट गुणवत्ता: डिजिटल एक्स-रे के छवियां उत्कृष्ट गुणवत्ता और विस्तृतता में बनाई जा सकती हैं, जिससे रोगों के निदान में सहायक होती हैं।
इस तरह, डिजिटल एक्स-रे एक प्रौद्योगिकी है जो चिकित्सा देखभाल में उत्कृष्टता और तेजी लाती है, जिससे रोगियों को उचित चिकित्सा सेवाएं प्राप्त हो सकती हैं।

IPD (इनपेटिएंट डिपार्टमेंट)

IPD (इनपेटिएंट डिपार्टमेंट) एक विशेष इकाई है जो रोगी को अस्पताल में चिकित्सा सेवाओं की पूर्ण और स्थायी देखभाल प्रदान करती है। यहाँ, रोगी को अस्पताल में भर्ती किया जाता है और उन्हें वहां के मेडिकल स्टाफ द्वारा उचित चिकित्सा देखभाल प्रदान की जाती है।

IPD में प्रदान की जाने वाली सेवाएं:

अस्पताल में टहरने: IPD में रोगी को अस्पताल में टहरने की सुविधा प्रदान की जाती है, जिसमें वे अपने उपचार के दौरान अस्पताल में रहते हैं।
चिकित्सा देखभाल: IPD में रोगी को उनकी बीमारी के अनुसार चिकित्सा देखभाल प्रदान की जाती है, जिसमें डॉक्टर्स, नर्सेस, और अन्य मेडिकल स्टाफ का सहारा लिया जाता है।
ऑपरेशन और सर्जरी: जरूरत के अनुसार, IPD में रोगी को ऑपरेशन और सर्जरी की सुविधा भी प्रदान की जा सकती है।
आवश्यक दवाएं और उपकरण: IPD में रोगी को उनके इलाज के लिए आवश्यक दवाएं और उपकरण भी प्रदान किए जाते हैं।
निदान और उपचार का फ़ॉलोअप: IPD में रोगी का निदान और उपचार का फ़ॉलोअप किया जाता है, ताकि वे स्वस्थ्य होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज हो सकें।
IPD रोगी को स्थायी और समयबद्ध चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है और रोगी को उचित देखभाल और उपचार प्राप्त करने में मदद करता है।

PICU (पेडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट)

PICU (पेडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) एक विशेष इकाई है जो बच्चों के अत्यंत गंभीर या जीवनसंगत स्थितियों की देखभाल करती है। यह इकाई चिकित्सा देखभाल, संदेहित संक्रमणों, अनियमित उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारियों, अस्थमा, दीर्घकालिक रोग या घातक घावों जैसी स्थितियों का इलाज करती है।

कुछ महत्वपूर्ण PICU टेस्टों के बारे में:

लाइफ पैरामीटर: यह टेस्ट शिशु की सांस, दिल की धड़कन, और अन्य लाइफ पैरामीटर्स की जांच करता है और उसके साथ ही चिकित्सकों को स्थिति का मूल्यांकन करने में मदद करता है।
ब्लड टेस्ट: यह टेस्ट शिशु के रक्त में विभिन्न पैरामीटर्स जैसे कि ग्लूकोज, ईलेक्ट्रोलाइट्स, हेमोग्लोबिन, और कैल्शियम का स्तर मापता है।
ABC Test: यह टेस्ट शिशु के रक्त से अत्यंत महत्वपूर्ण पैरामीटर्स जैसे कि ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर मापता है।
संक्रमण के परीक्षण: यह टेस्ट संक्रमण के संदेह में बच्चे के रक्त और अन्य नमूनों की जांच करता है।
स्कैनिंग और इमेजिंग: यह टेस्ट शिशु के शरीर की इमेजिंग करता है, जैसे कि X-रे, यूल्ट्रासाउंड, या कॉम्प्यूटेड टॉमोग्राफी (CT) इत्यादि।
इन टेस्टों का उद्देश्य शिशु की स्थिति का समय पर मूल्यांकन करना है और चिकित्सा दल को उचित उपचार प्रदान करने में मदद करना है।

NICU (नवजात इंटेंसिव केयर यूनिट)

NICU (नवजात इंटेंसिव केयर यूनिट) एक विशेष इकाई है जो नवजात शिशुओं के चिकित्सा और देखभाल की विशेषज्ञता प्रदान करती है। NICU टेस्ट विभिन्न परीक्षणों और प्रक्रियाओं का समूह है जो नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है।

कुछ महत्वपूर्ण NICU टेस्टों के बारे में निम्नलिखित है:

पल्स ऑक्सिमीट्री: यह टेस्ट शिशु के ऑक्सीजन स्तर को मापता है और इसके लिए एक उपकरण का उपयोग किया जाता है।
ब्लड प्रेशर मापन: इस टेस्ट में बच्चे के रक्तचाप को मापा जाता है, जो उसके सामान्य स्थिति की जानकारी प्रदान करता है।
ब्लड टेस्ट: यह टेस्ट शिशु के रक्त में विभिन्न पैरामीटर्स जैसे कि हेमोग्लोबिन, ग्लूकोज, और अन्य महत्वपूर्ण संशोधकों का स्तर मापता है।
सूचक परीक्षण: इसमें शिशु के सांस, दिल की धड़कन और अन्य महत्वपूर्ण चरणों का मूल्यांकन किया जाता है।
इन टेस्टों का उद्देश्य शिशु की स्थिति का समय पर मूल्यांकन करना होता है और उसकी स्थिति को सुधारने के लिए उचित चिकित्सा उपाय का निर्धारण करना होता है।

Laboratory(प्रयोगशाला)

प्रयोगशाला एक स्थान होता है जहां वैज्ञानिक अध्ययन और अन्वेषण के लिए परिक्षण और अध्ययन कार्य किए जाते हैं। यहां पर विभिन्न प्रकार के परीक्षण किए जाते हैं, जैसे कि रक्त, मूत्र, अंग्रेजी में कहें तो “blood tests, urine tests” इत्यादि।

प्रयोगशाला की मुख्य विशेषताएँ:

परीक्षण और अनुसंधान: प्रयोगशाला में विभिन्न परीक्षण और अनुसंधान कार्य किए जाते हैं, जो वैज्ञानिक अध्ययन को प्रशंसकों के लिए अधिक समर्थ बनाते हैं।
नवाचारी प्रौद्योगिकी: प्रयोगशाला में नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाता है, जिससे परीक्षणों की स्वचालितता और प्रभावीता बढ़ती है।
गुणवत्ता नियंत्रण: प्रयोगशाला में गुणवत्ता नियंत्रण उच्च मानकों के अनुसार किया जाता है, ताकि परीक्षणों की निष्पक्षता और विश्वसनीयता सुनिश्चित हो।
संवेदनशीलता: प्रयोगशाला में संवेदनशीलता की गरिमा रखी जाती है, ताकि विवेकी और नैतिकता के मानकों का पालन किया जा सके।
प्रयोगशाला अहम भूमिका निभाती है जो सामाजिक और वैज्ञानिक अध्ययन को अग्रसर करने में मदद करती है, साथ ही चिकित्सा और वैज्ञानिक समझ को बढ़ाती है।

Vaccination(टीकाकरण)

टीकाकरण एक महत्वपूर्ण चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें शरीर को विभिन्न रोगों से बचाने के लिए टीके या वैक्सीन का उपयोग किया जाता है। यह टीकाकरण विभिन्न विषाणुओं या रोगकर विषाणुओं के खिलाफ रोगी की प्रतिरक्षा विकसित करने में मदद करता है, जिससे उसका शारीरिक प्रतिरोध बढ़ जाता है।

टीकाकरण के महत्वपूर्ण लाभ:

रोग प्रतिरोधकता की विकास: टीकाकरण से शारीरिक प्रतिरोधकता विकसित होती है, जिससे रोगों के प्रति रोगी की सुरक्षा बढ़ती है।
रोगों के प्रसार को रोकना: टीकाकरण से रोगों के प्रसार को रोका जा सकता है, जिससे सामाजिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
रोगों के खिलाफ समुरास्ट्रीय सुरक्षा: टीकाकरण से समुरास्ट्रीय सुरक्षा को सुधारा जा सकता है, जिससे रोगों के खिलाफ समुरास्ट्रीय योजनाएं सफल हो सकती हैं।
जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना: टीकाकरण से जीवन की गुणवत्ता बढ़ती है, जिससे लोग स्वस्थ्य और सक्रिय जीवन जी सकते हैं।
टीकाकरण एक महत्वपूर्ण चिकित्सा उपाय है जो रोगों के प्रसार को रोकता है और सामाजिक स्वास्थ्य में सुधार करता है। इसलिए, यह जरूरी है कि सभी व्यक्तियों को नियमित रूप से टीकाकरण का लाभ लेना चाहिए।
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